एसडीएम ज्योति मौर्य से जुड़े मामले में हाल ही में हुई एक कॉल रिकॉर्डिंग ने चल रही जांच में एक नया मोड़ ला दिया है। जांच समिति की सिफारिशें डीजी होम गार्ड विजय कुमार मौर्य को सौंप दी गई हैं, जिसमें होम गार्ड कमांडेंट मनीष दुबे की कथित संलिप्तता पर प्रकाश डाला गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मनीष दुबे के निलंबन की संभावना मंडरा रही है, जबकि ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने दुबे पर अपनी पत्नी को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इस विकासशील घोटाले ने ध्यान आकर्षित किया है और इसमें शामिल लोगों की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं।
जांच के निष्कर्ष कमांडेंट मनीष दुबे के अपराध की ओर इशारा करते हैं
होमगार्ड संगठन के डीआइजी रेंज प्रयागराज संतोष राज द्वारा की गई जांच में कमांडेंट मनीष दुबे को मामले में दोषी पाया गया है। बाद में डीजी होम गार्ड बीके मौर्य को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में आगे की कार्रवाई के लिए सिफारिशें भी शामिल की गई हैं। जैसे ही अधिकारी निष्कर्षों की समीक्षा करते हैं, ध्यान मनीष दुबे के खिलाफ संभावित निलंबन और कानूनी कार्यवाही की ओर केंद्रित हो जाता है।
आसन्न निलंबन और मामला पंजीकरण
अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक यह बात सामने आई है कि डीजी होम गार्ड विजय कुमार मौर्य ने कमांडेंट मनीष दुबे को सस्पेंड करने का फैसला लिया है. साथ ही दुबे के खिलाफ मामला दर्ज कर औपचारिक जांच शुरू करने की सिफारिश भी की गई है. आरोपों की गंभीरता और प्रस्तुत किए गए सबूतों ने स्थिति की गंभीरता को बढ़ा दिया है, जिससे दुबे का भविष्य अधर में लटक गया है।
पति के आरोप और साक्ष्य प्रस्तुत
एसडीएम ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी और कमांडेंट मनीष दुबे के बीच अवैध संबंध का आरोप लगाते हुए होम गार्ड संगठन में शिकायत दर्ज कराई थी. आलोक ने आगे इस जोड़ी पर ज्योति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाया। सबूत के तौर पर, आलोक ने अपने दावों को साबित करने के लिए व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड और अन्य सहायक दस्तावेज़ प्रस्तुत किए। उनके बयानों ने मामले की जांच तेज कर दी है, जिससे दुबे को परिवार में फूट के लिए उत्प्रेरक माना जा रहा है।
एसडीएम ज्योति मौर्य की प्रतिक्रिया और चल रही जांच
जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर एसडीएम ज्योति मौर्य ने जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया। उसके भाग लेने से इनकार करने से कथित संबंध में उसकी भूमिका और उसके खिलाफ किसी साजिश की संभावित जानकारी पर सवाल उठता है। जैसे-जैसे जांच जारी रहेगी, अधिकारी ज्योति की संलिप्तता पर और अधिक स्पष्टता की तलाश करेंगे और सामने आने वाले किसी भी अतिरिक्त सबूत का आकलन करेंगे।
एसडीएम ज्योति मौर्य मामले में एक चौंकाने वाली कॉल रिकॉर्डिंग सामने आने से नाटकीय मोड़ आ गया है। कमांडेंट मनीष दुबे को निलंबन और संभावित कानूनी परिणामों का सामना करने के साथ, जांच तेज हो गई है। प्रस्तुत साक्ष्यों के साथ दुबे के खिलाफ आलोक मौर्य के आरोपों ने मामले पर संदेह के बादल मंडरा दिए हैं। जैसे ही मामला सामने आता है, अधिकारियों को सच्चाई का पता लगाने और न्याय लाने के लिए स्थिति के सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए।