- भागवत भोपाल में अमर शहीद हेमू कलानी की जन्मशती वर्ष के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधी संस्कृति संग्रहालय और सिंधी महापुरुषों को मध्यप्रदेश पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की
- कार्यक्रम में देश-विदेश से सिंधी समाज के लोग शामिल होते हैं
- भागवत भूमि से संबंध बनाए रखने और सिंधु सभ्यता को न भूलने की जरूरत पर जोर देते हैं
भारत-पाकिस्तान विभाजन पर भागवत के विचार
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भोपाल में अमर शहीद हेमू कलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन कार्यक्रम में अपने संबोधन में भारत-पाकिस्तान विभाजन को ‘कृत्रिम’ करार दिया. उन्होंने भूमि से संबंध बनाए रखने और सिंधु सभ्यता को न भूलने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो वेदों के सूक्तों में परिलक्षित होता है। भागवत ने कहा कि पूरा भारत हमारा है और हमें अपनी जमीन को नहीं भूलना चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाएं
इसी कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में सिंधी संस्कृति संग्रहालय की स्थापना और सिंधी महापुरुषों को मध्य प्रदेश पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सम्राट दाहिर सेन और हेमू कलानी की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में देश-विदेश से सिंधी समाज के लोगों ने शिरकत की।
एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का आह्वान
भागवत के भाषण और चौहान की घोषणाओं को एकता और सांस्कृतिक संरक्षण के आह्वान के रूप में देखा गया। उन्होंने जमीन से जुड़ाव बनाए रखने और अपनी सांस्कृतिक विरासत को न भूलने की जरूरत पर जोर दिया। सिंधी संस्कृति संग्रहालय की स्थापना और सिंधी महापुरुषों को पाठ्यक्रम में शामिल करने को सिंधी संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जाता है।