सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। शुभमन गिल और ऋद्धिमान साहा की जोड़ी मैदान पर उतरी। दोनों खिलाड़ी मिलकर चैन्नै के गेंदबाज़ों की बखिया उधेड़ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि शुभमन गिल आज भी नहीं रुकने वाले। लेकिन, एक सेकेंड से भी कम समय में एक जादू हुआ विकेट के पीछे से। वही, जादू जिसके कसीदे बड़े करीने से गढ़े गए- ‘कोई था जो विकेट के पीछे से मैच पलट देता था…’ और जादूगर थे धोनी। रवींद्र जडेजा की गेंद पर शॉट लगाने में गिल थोड़ा सा संतुलन खो बैठे। धोनी ने उन्हें संभलने का मौका ही नहीं दिया। पलक झपकते ही वह स्टंपिंग हो गए। धोनी का रिएक्शन टाइम 0.1 सेकेंड से भी कम का था। टीवी अंपायर रिप्ले देख रहे थे लेकिन, धोनी अपने शिकार को लेकर आश्वस्त थे। थर्ड अंपायर ने गिल को आउट करार दिया। यहां से लगा कि गुजरात दबाव में आएगी। लेकिन, इस मुकाबले की परतें तो सस्पेंस से गुथी हुई थीं।
संन्यास पर क्या बोले महेंद्र सिंह धोनी?
हार जीत के सवाल का जवाब मिलने के बाद एक और सवाल था जो इस आईपीएल की शुरुआत से ही लोगों के जेहन में था। यह सवाल था धोनी के संन्यास का। प्रशंसकों को यह जानना था कि क्या यह धोनी का आखिरी आईपीएल सीजन है? क्या इस सीजन के बाद माही मैजिक मैदान पर नहीं दिखेगा? इन सभी जिज्ञासाओं को वो जादूगर ही शांत कर सकता था जिसकी जादूगरी को क्रिकेट प्रेमी हर बरस देखना चाहते हैं। मोहम्मद रफी का एक गाना है। ”बंदा परवर, थाम लो जिगर, बनके प्यार फिर आया हूं, खिदमत में आपकी हुजूर, फिर वही दिल लाया हूं।” धोनी से जब संन्यास का सवाल किया गया तो उनका जवाब इस गाने के बोल की ही तरह था। यानी धोनी अपने चाहने वालों की खिदमत में अपना दिल लेकर आए थे।
दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी से जब पूछा गया कि क्या यह उनका आखिरी सीजन है। उन्होंने कहा कि अगर परिस्थितियों को देखें तो मेरे लिए संन्यास लेने का यह सही समय है। मेरे लिए यह कहना बहुत आसान है कि अब मैं विदा ले रहा हूं लेकिन अगले नौ महीने तक कड़ी मेहनत करके लौटना और एक सीजन और खेलना मुश्किल है। मेरे शरीर को साथ देना होगा। चेन्नै के फैंस ने जिस तरह से मुझे प्यार दिया। यह उनके लिए मेरा तोहफा होगा कि मैं एक सीजन और खेलूं। उन्होंने जो प्यार और जज्बात दिखाए हैं, मुझे भी उनके लिए कुछ करना चाहिए। धोनी ने कहा कि यह मेरे करियर का आखिरी दौर है। यहीं से शुरुआत हुई थी और पूरा स्टेडियम मेरा नाम ले रहा था। ऐसा चेन्नै में भी हुआ था लेकिन मैं वापसी करके जितना खेल सकता हूं, खेलूंगा। मेरी आँखों में पानी भर आया और मैं कुछ देर डगआउट में वहीं खड़ा रहा। मुझे एहसास हुआ कि मैं इसका लुत्फ उठाना चाहता हूं।